चीन का ग्वादर पोर्ट जाने का रास्ता बलूचिस्तान होकर जाता है और चीन वहाँ पर पाक सेना की सहायता से जनता को मारने का सिलसिला चला रखा है और साथ ही लगभग दो अरब डॉलर का निवेश भी कर रहा है।
अभी चीन को पता चल रहा है कि NSG मुद्दे पर चीन ने भारत को हल्के में लेकर कितनी भारी गलती की है। एक ओर चीन साउथ चाइना सी पर अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रहा है I
पिछले दो वर्षो की खामोशी के बाद मोदी जी ने भारत के सभी राजनैतिक दलों को विश्वास में लेते हुए अचानक ही बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) पर बयान दिया, POK को भारत का अभिन्न अंग भी बता दिया I प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले दो वर्षो से मोदी जी UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) और NSG में स्थाई सदस्यता के लिए कोशिश कर रहे है, पर चीन हर बार अड़ंगा लगा रहा हैI ऊपर से चीन भारत को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान का साथ भी दे रहा है और POK और बलूचिस्तान में अपने लाभ और भारत को घेरने के लिए निर्माण कार्य भी कर रहा हैI
अन्तराष्ट्रीय न्यायलय में एशिया क्षेत्र में साऊथ चाइना सी वाला हिस्सा (अधिकार) भी हार गया है, और अब वो चाहता है की भारत उसका साथ दे, इसीलिए चीन ने अपने विदेश मंत्री वांग यी को दिल्ली भेजा, और साथ में सन्देश भी भेजा कि NSG के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैंI
भारत के वर्तमान नेतृत्व ने इसी समय का लाभ उठाया, और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत का अभिन्न अंग बता दिया और बलूचिस्तान के हितों की रक्षा करने और पाकिस्तान से आजाद करवाने के लिए विश्व को संदेश भी दे दिया। और चीनी विदेश मंत्री भारत दौरे पर ग्वादर पोर्ट सिलसिले में समर्थन माँगने पहुँचे, वही दूसरी और मोदी जी ने सीधे POK की बात उठा कर चीन को बता दिए की NSG छोडो, POK पे हमारा समर्थन करो।
हिंदुस्थान के इस कुटनीतिक निर्णय से पूरी दुनिया हैरान है, चीन चारो और से फंस गया है। चीन NSG के बदले समर्थन की उम्मीद कर रहा था लेकिन जो दांव भारत की शत्रुराष्ट्रा नीति ने चला है, उससे चीन गले में हड्डी अटक जाने का अनुभव कर रहा हैं ।
POK पे समर्थन का मतलब ग्वादर को भूल जाओ। और भारत से नाराजगी मतलब वियतनाम जापान जैसे अन्य देशों को भारत का समर्थन और साउथ चाइना सी से चीन का अधिकार समाप्त।
बलूचों ने उखाड फेंका पाकिस्तानी झण्डा।
चाणक्यनीति : जब शत्रु कमजोर हो तब उस पर वार करो।
वर्तमान नेतृत्व की सोची समझी रणनीति।
अब चाइना असमंझस में पड़ गया कि POK को पाकिस्तान का अंग बता कर पाकिस्तान की सहायता की जाए या NSG मे भारत की स्थाई सदस्यता देकर अपने साउथ चाइना सी विवाद को सुलझाया जाए, भविष्य में जो भी कुछ हो। पर मैं इतना जानता हूँ कि भारत का वर्तमान नेतृत्व मुँह से चाहे कुछ न बोले पर अपने दुश्मन को कब कैसे और कहाँ मारना है वो ये अच्छी तरह जानते है। इसको कहते है जले पर नमक छिड़कना।
जो कांग्रेस ६० वषों मैं नहीं कर सकी ,भारत के वर्तमान नेतृत्व ने २ वर्षों में कर दिया, परराष्ट्रनिति एवं शत्रुराष्ट्रनीति का उचित उपयोग करने के लिए वर्तमान सरकार को मेरा ..!!
साधुवाद
विशाल सुरेश शर्मा
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